लेखनी कविता -28-Oct-2023

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु - वरदान  वरदान भी कभी कभी, श्राप बन जाता है l अगर बुद्धि ना हो, समझने की पास l विज्ञान था, मानवता के कल्याण के लिए l पर ...

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